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Saturday, July 31, 2010

कलाकार और सामान्य जन

अक्सर हमें यह सुनाई और दिखाई पड़ता है की फलां फलां व्यक्ति से यह काम नहीं हो पायेगा क्योंकि - वह तो कलाकार हैकलाकार को लोग प्रशासनिक कार्यों के योग्य नहीं समझतेकई बार तो यह भी सुनाई पड़ता है की वह बड़ा भावुक है, क्योंकि कलाकार हैअभी तक कला की शिक्षा को किसी अन्य विषय की शिक्षा से दोयम दर्जे की माना जाता हैकभी कभी तो स्वयं कलाकार ही यह भेद भाव करने लगते हैं

क्या कलाकार और अन्य लोगों में कोई फर्क है? क्या कलाकार में वाकई प्रशासनिक क्षमता नहीं होती? क्या अन्य लोग भावुक नहीं होते? क्या कलाकार होना एक अपराध है? क्या कलाकार और अन्य तथाकथित सामान्य जन में कोई विभाजन है?

आईये पहले देखते हैं की कलाकार किसे कहते हैंअभिनव गुप्त के अनुसार हर वह व्यक्ति, जिसमें प्रतिभा तथा अपने मन के भावों को व्यक्त करने की क्षमता हो, कलाकार हैअर्थात कलाकार में दो गुण ज्यादह हैं, अन्य व्यक्तियों सेवे सामान्य जन की तुलना में विशिष्ट होते हैं क्योंकि वे प्रतिभा तथा उपाख्या के गुण से युक्त होते हैं. इसका अर्थ है की समान्य जन जो कार्य कर सकते हैं वे सभी कार्य कलाकारों द्वारा संपादित हो सकते हैंबल्कि यह अवश्य सत्य है की कलाकारों द्वारा किये जाने वाले कार्य सामान्य जन नहीं कर सकते

अपनी भावनाओं को सीधे सीधे कह कर उनको कला के माध्यम से कहना ही कलाकार की विशेषता हैइसके लिए अपनी भावनाओं पर काबू रखना कलाकार की दूसरी विशेषता है, जो सामान्य जन में प्रायः नहीं होतीअतः कलाकार भावुक तो किसी भी अन्य व्यक्ति की तरह ही होते हैं परन्तु उनको यह भली भांति पता रहता है की अपनी भावनाओं पर काबू कैसे रखा जाए

ऐसे अनगिनत उदाहरण हैं जहां कलाकारों ने प्रशासनिक कार्यों का सम्पादन बड़ी ही कुशलता से किया हैसमाज उनको मौक़ा तो दे कर देखे!

मेरी यह पक्की धारणा है की समाज के इन पूर्वाग्रहों को हटा कर कलाकारों को बराबरी के मौके देने चाहिएउनसे किसी मंगल गृह वासी की तरह व्यवहार कर सामान्य जन की तरह ही व्यवहार करना चाहिए
इति

3 comments:

  1. कलाकारों की यूँ भी उपेक्षा होती है, पहली बार सुना. हमने तो हमेशा सभी को किसी भी व्यक्ति का कलाकार होने के नाते ही सम्मान करते हुए पाया है. आप तो उल्टा बोल गये.
    कलाकार क्या आदमी नहीं होते !!
    आप के इस आलेख को कोई पढ़े और उसे कलाकार का अर्थ न पता हो तो वह उसका अर्थ विकलांग ही लगायेगा.
    जबकि होता इसका उल्टा ही है.

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  2. Dhanyavaad Rajeev jee. Maine word verification ki Deevaar hataa dee hai.

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  3. I was able to learn about Prakhya and Upaakhya from your article. This is a thought-provoking diad of ideas for me. I play the Bansuri as an amateur for my own heart's peace and happiness. DKM Kartha

    (Aapke lekh pathkar maine Prakhya aur upaakhya ke bareme samajhdari praapt kee. Dhanyavaad!! Mei baansuri bajaataa hum--meri aatmaa ki shaanti keliye, sukh keliye. Aapkaa aabharee, DKM Kartha

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